✦ Rasool-Allah Sallallahu Alahih Wasallam ne farmaya jo shakhs apni Zuban ko aisi neki ke liye istemaal karta hai ke jis par is ke baad bhi amal kiya jata hai to Allah Subahnahu usay Qayamat ke din tak sawab se nawazta rehta hai aur qayamat ke roz usay sara ka sara sawab ataa karega.
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رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم نے فرمایا جو شخص اپنی زبان کو ایسی نیکی کے لیے استعمال کرتا ہے کہ جس پر اس کے بعد بھی عمل کیا جاتا ہے تو اللہ تعالیٰ اسے قیامت کے دن تک ثواب سے نوازتا رہتا ہے اور قیامت کے روز اسے پورا پورا ثواب عطا کرے گا۔
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✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स अपनी जुबान को ऐसी नेकी के लिए ईस्तेमाल करता है की जिस पर उसके बाद भी अमल किया जाता है तो अल्लाह सुबहानहु उसको क़यामत के दिन तक सवाब से नवाज़ता रहता है और क़यामत के रोज़ उसको सारा का सारा सवाब अता करेगा
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✦ Rasool-Allah Sallallahu Alahih Wasallam said: Whoever uses his tounge for such a good deeds which is followed by people even after him (after death), then he will be getting reward until the day of Judgment and on the day of Judgment he will get his full reward
٤. حدیث : میں تمہیں نصیحت کرتا ہوں کی ہر نماز کے بعد یہ دعا پڑھنا کبھی نہ چھوڑنا
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معاذ بن جبل رضی اللہ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے میرا ہاتھ پکڑا اور فرمایا : اے معاذ ! قسم اللہ کی ، میں تم سے محبت کرتا ہوں ، قسم اللہ کی میں تم سے محبت کرتا ہوں پھر فرمایا : اے معاذ ! میں تمہیں نصیحت کرتا ہوں : ہر نماز کے بعد یہ دعا پڑھنا کبھی نہ چھوڑنا
اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں وہ تنہاء ہے اس کا کوئی شریک نہیں ، ملک اسی کے لئے ہے اور اسی کے لئے تمام تعریفیں ہیں اور وہ ہر چیز پر قدرت رکھنے والا ہے ۔ اے اللہ ! جو کچھ تو نے دیا ہے اسے کوئی روکنے والا نہیں اور جو کچھ تو نے روک دیا اسے کوئی دینے والا نہیں اور کسی مالدار اور نصیبہ ور ( کوتیری بارگاہ میں ) اس کا مال نفع نہیں پہنچا سکتا ۔
٦. رسول الله صلی علیہ وسلم نماز کے بعد بلند آواز سے یہ کلمات ارشاد فرماتے
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عبداللہ بن زبیر رضی اللہ عنہما کو منبر پر کہتے سنا: نبی اکرم صلی اللہ علیہ وسلم جب نماز سے فارغ ہوتے تو کہتے:
لا إله إلا الله وحده لا شريك له له الملك وله الحمد وهو على كل شيء قدير، لا إله إلا الله مخلصين له الدين ولو كره الكافرون أهل النعمة والفضل والثناء الحسن، لا إله إلا الله مخلصين له الدين ولو كره الكافرون»
اللہ کے سوا کوئی معبود برحق نہیں، وہ اکیلا ہے، اس کا کوئی شریک نہیں، اسی کے لیے بادشاہت ہے، اسی کے لیے حمد ہے، وہ ہر چیز پر قادر ہے، کوئی معبود برحق نہیں سوائے اللہ کے، ہم خالص اسی کی عبادت کرتے ہیں اگرچہ کافر برا سمجھیں، وہ احسان، فضل اور اچھی تعریف کا مستحق ہے۔ کوئی معبود برحق نہیں سوائے اللہ کے، ہم خالص اسی کی عبادت کرتے ہیں، اگرچہ کافر برا سمجھیں ۔
٨. حدیث: ہر فرض نماز کے بعد آیت الکرسی پڑھنے کی فضیلت
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ابوامامہ باہلی رضی الله انه سے روایت ہے کی رسول اللهﷺ نے فرمایا جس شخص نے ہر فرض نماز كے بعد آیت الكرسی پڑھی تو موت كے علاوہ جنت اور اس كے درمیان كوئی ركاوٹ نہیں ۔
✦ ترجمہ : اﷲ اس کے سوا کوئی عبادت کے لائق نہیں ہمیشہ زندہ رہنے والا ہے ( سارے عالم کو اپنی تدبیر سے ) قائم رکھنے والا ہے ، نہ اس کو اُونگھ آتی ہے اور نہ نیند جو کچھ آسمانوں میں ہے اور جو کچھ زمین میں ہے سب اسی کا ہے ، کون ایسا شخص ہے جو اس کے حضور اس کے اِذن کے بغیر سفارش کر سکے جو کچھ مخلوقات کے سامنے ( ہو رہا ہے یا ہو چکا ) ہے اور جو کچھ ان کے بعد ( ہونے والا ) ہے ( وہ ) سب جانتا ہے ، اور وہ اس کی معلومات میں سے کسی چیز کا بھی احاطہ نہیں کر سکتے مگر جس قدر وہ چاہے ، اس کی کرسیء ( سلطنت و قدرت ) تمام آسمانوں اور زمین کو محیط ہے ، اور اس پر ان دونوں ( یعنی زمین و آسمان ) کی حفاظت ہرگز دشوار نہیں ، وہی سب سے بلند رتبہ بڑی عظمت والا ہے
٩. حدیث : یہ تین سورتیں تمہیں ہر چیز کے لیے کافی ہو جائیگی
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رسول الله صلى الله عليه وسلم نے فرمایا سورة الإخلاص اور سورة الفلق اور سورة الناس تین مرتبہ صبح کے وقت، اور تین مرتبہ شام کے وقت کہہ لیا کرو تو یہ تمہیں (ہر طرح کی پریشانیوں سے بچاؤ کے لیے) کافی ہوں گی۔
سنن ابو داوود جلد ٣-١٦٤٣-حسن
عقبہ بن عامررضی اللہ عنہ سے سے روایت ہے کی رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ہر نماز کے بعد آخری تین سورتیں یعنی سورة الإخلاص اور سورة الفلق اور سورة الناس پڑھا کرو۔
١٠. حدیث: جو فجر کی نماز کے بعد دس بار اس اذکار کو پڑھیے گا تو اس دن ہر برائی سے محفوظ رہے گا
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رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”جو شخص نماز فجر کے بعد جب کہ وہ پیر موڑے ( دو زانوں ) بیٹھا ہوا ہو(جیسے تشہد میں بیٹھتے ہیں ) اور پھر کسی سے بات کے بغیر١٠ بار یہ پڑھے
اللہ کے علاوہ کوئی سچا معبود نہیں، وہ اکیلا ہے اس کا کوئی شریک نہیں،
اسی کے لئے بادشاہت ہے اور اسی کے لئے تعریف ہے وہ زندہ کرتا ہے اور وہ مارتا ہے اور وہ ہر چیز پر قادر ہے۔
تو اس کے لیے دس نیکیاں لکھی جائیں گی، اور اس کی دس برائیاں مٹا دی جائیں گی، اس کے لیے دس درجے بلند کئے جائیں گے اور وہ اس دن پورے دن بھر ہر طرح کی مکروہ و ناپسندیدہ چیز سے محفوظ رہے گا، اور شیطان کے زیر اثر نہ آ پانے کے لیے اس کی نگہبانی کی جائے گی، اور کوئی گناہ اسے اس دن سوائے شرک باللہ کے ہلاک نہیں کر سکے گا
اللہ کے علاوہ کوئی سچا معبود نہیں، وہ اکیلا ہے اس کا کوئی شریک نہیں، اسی کے لئے بادشاہت ہےاور اسی کے لئے تعریف ہے وہ زندہ کرتا ہے اور وہ مارتا ہے اور وہ ہر چیز پر قادر ہے۔
رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”جس نے مغرب کے بعد دس دس مرتبہ یہ کلمات کہے تو :
اللہ سبحانه اس کی حفاظت کے لیے فرشتے بھیجے گا جو صبح تک شیطان سے اس کی حفاظت کریں گے اور اس کے لیے دس رحمت کی نیکیاں لکھی جائیں گی اور اس کے دس برباد کر دینے والے گناہ مٹا دئے جاینگے اور اسے دس مسلمان غلام آزاد کرنے کا ثواب ملے گا“
✦ इब्न अब्बास रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है आप सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम की नमाज़ को मुकम्मल होना तकबीर (अल्लाह हू अकबर) की वजह से समझ जाते थे (यानी आप सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम नमाज़ के बाद अल्लाहू अकबर पढ़ते थे)
सही बुखारी , 842
2 ✦ तीन बार अस्तागफीरुल्लाह أَسْتَغْفِرُ اللَّه पढ़ना
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✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम जब अपनी नमाज़ से फारिग होते तो 3 बार अस्तगफार पढ़ते
(अस्तगफीरुल्लाह, अस्तगफीरुल्लाह, अस्तगफीरुल्लाह)
सही मुस्लिम, जिल्द 2, 1334
3 ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम जब अपनी नमाज़ से फारिग होते तो 3 बार अस्तगफार पढ़ते और उसके बाद ये दुआ पढ़ते
4 ✦ : मैं तुम्हे वसीयत करता हूँ की हर नमाज़ के बाद इस दुआ को पढ़ना ना छोड़ना
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✦ मुआज़ बिन जबल रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने मेरा हाथ पकड़ कर फरमाया अल्लाह की कसम मैं तुमसे मुहब्बत करता हूँ और फ़रमाया एह मुआज़ मैं तुम्हे वसीयत करता हूँ की हर नमाज़ के बाद इस दुआ को पढ़ना ना छोड़ना
✦ ला इलाहा इलअल्लाहु वाहदाहू ला शारिका लहू लहुल मुल्क , वा लहुल हम्द वा हुवा अल कुल्ली शयईन क़दीर अल्लाहुम्मा ला मानीअ लिमा आतयता, वा ला मुअतीया लीमा मनाअता वा ला यानफऊ ज़ाअल जद्दा मिनकल जद्द.
✦ अनुवाद : अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही है ,वो तन्हा है उसका कोई शरीक नही , मुल्क उसी के लिए है, और उसी के लिए तमाम तारीफें हैं और वो हर चीज़ पर क़ुदरत रखने वाला है,एह अल्लाह जो कुछ तू देना चाहे उसे कोई रोकने वाला नही, और जो कुछ तू रोकना चाहे उसे कोई देने वाला नही और तेरे सामने दौलत वालों की दौलत कुछ काम नही आ सकती
ला इलाहा ईलअल्लाहु वाहदाहू ला शरीका लहू, लहुल-मूल्कू, वा लाहुल-हम्दु वा हुवा आला कुल्ली शय इन क़दीर
ला हौला वा ला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह, ला 'इलाहा ईलअल्लाहु, वा ला नाअबुदू इल्ला इय्याह, लहू-अन्नैमतु वा लाहुल-फ़जल, वा लाहूस्सना उल-हसन, ला 'इलाहा ईलअल्लाहु मुख़लिसिना लहुद-दीना वा लव कारिहल-काफिरून.
✦ अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही वो तन्हा है उसका कोई शरीक नही , मुल्क उसी के लिए है, और उसी के लिए तमाम तारीफें हैं और वो हर चीज़ पर कुदरत रखने वाला है, अल्लाह की मदद के बगैर गुनाह से बचने की ताक़त और नेकी करने की क़ुव्वत नही अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और हम सिर्फ़ उसी की इबादत करते हैं ,उसी की तरफ़ से इनाम है और उसी के लिए फ़ज़ल है और उसी के लिए बेहतरीन हम्द है अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही , हम उसी के लिए बंदगी को खालिस करने वाले हैं, चाहे काफ़िर उसको बुरा माने
8 ✦ हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयात अल कुर्सी पढने की फ़ज़ीलत
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✦ अबू उमामा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिस शख्स ने हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयत अल कुर्सी पढ़ी तो जन्नत और उसके दरमियाँ मौत के सिवा कोई और चीज़ रुकावट नही (यानी मौत के बाद उसको जन्नत नसीब होगी)
9 ✦ ये तीन सुरह तुम्हें हर चीज़ के लिए काफ़ी हो जाएगी
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✦ अब्दुल्लाह बिन खुबेब रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सुबह और शाम 3 बार सुरह अल-इख्लास और सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास पढ़ लिया करो , ये तुम्हें हर चीज़ के लिए काफ़ी हो जाएगी ( यानि हर तरह की परेशानियो से बचने के लिए ये काफी हैं)
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1643-हसन
✦ उक़बा बिन आमिर रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया हर नमाज़ के बाद आखरी तीन सुरह यानि सुरह अल-इख्लास और सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास पढ़ा करो
✦ ला ईलाहा इल अल्लाह वाहदहू ला शरीका लहू, लहुल-मुल्क वा लहुल-हम्द, यूही वा युमीत वा हुवा अला कुल्ली शयइन क़दीर
✦ तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई सच्चा माबूद नही है वो अकेला है और उसका कोई शरीक नही , उसी के लिए लिए बादशाहत है और उसी के लिए तारीफ है वो ही ज़िंदा करता है और वो ही मारता है और वो हर चीज़ पर क़ादिर है
✦ अबू ज़र् रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स फज्र की नमाज़ के बाद दो ज़ानू होकर बैठा रहे (जिस तरह तशाहुद में बैठता है ) और किसी से बात किए बगैर 10 बार ये पढ़े तो उसके लिए 10 नेकिया लिख दी जाएँगी , 10 गुनाह माफ़ कर दिए जाएँगे, 10 दरजात बुलंद किए जाएँगे, और उस दिन हर बुराई से मेहफूज़ रहेगा, और उसको शैतान की पहुँच से दूर कर दिया जाएगा और उसको उस दिन अल्लाह के साथ शिर्क के अलावा कोई गुनाह हलाक़ नही कर सकेगा
✦ ला ईलाहा इल अल्लाह वाहदहू ला शरीका लहू, लहुल-मुल्क वा लहुल-हम्द, यूही वा युमीत वा हुवा अला कुल्ली शयइन क़दीर
✦ तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई सच्चा माबूद नही है वो अकेला है और उसका कोई शरीक नही , उसी के लिए लिए बादशाहत है और उसी के लिए तारीफ है वो ही ज़िंदा करता है और वो ही मारता है और वो हर चीज़ पर क़ादिर है
✦ उमाराह बिन शबिब रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो शख्स मगरिब के बाद 10 बार ये पढ़े तो अल्लाह सुबहानहु उसकी हिफाज़त के लिए फ़रिश्ते भेजेगा जो सुबह तक शैतान से उसकी हिफाज़त करेंगे उसके लिए 10 रहमत की नेकिया लिख दी जायेगीं , उसके 10 बर्बाद करने वाले गुनाह मिटा दिए जायेंगे और 10 मुसलमान गुलाम आज़ाद करने का सवाब अता किया जायेगा
AL Quran : Kahne laga Boshida (chura chura) haddiyon ko kaun zinda kar sakta hai
Kah do unhe wohi (Allah) zinda karega jisne usey pahli baar paida kiya tha wo sab kuch banana janta hai , Wo jisney tumhare liye sabz darakht se Aag paida kar di ki tum jaldi se us sey Aag sulga lete ho, Kya wo jisne Aasman aur zameen ko bana diya us par Qadir nahi ki un jaise aur banaye, kyun nahi wo bahaut kuch banane wala mahir hai
Al Quran , Surah Yaseen (36), Verse 77-81
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القرآن : کہنے لگا بوسیدہ ہڈیوں کو کون زندہ کر سکتا ہے
کہہ دوانہیں وہی زندہ کرے گا جس نے انہیں پہلی بار پیدا کیا تھا اور وہ سب کچھ بنانا جانتا ہے وہ جس نے تمہارے لیے سبز درخت سے آگ پیدا کر دی کہ تم جھٹ پٹ اس سے آگ سلگا لیتے ہو کیا وہ جس نے آسمانوں اور زمین کو بنا دیا اس پر قاد رنہیں کہ ان جیسے اور بنائے کیوں نہیں وہ بہت کچھ بنانے ولا ماہر ہے
القرآن سورة يس (٣٦) ٧٧-٨١
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अल क़ुरान : कहने लगा बोशीदा (चुरा चुरा) हड्डियों को कौन ज़िंदा कर सकता है
कह दो उन्हे वो ही (अल्लाह) ज़िंदा करेगा जिसने उसे पहली बार पैदा किया था वो सब कुछ बनाना जानता है
वो जिसने तुम्हारे लिए सब्ज़ दरख़्त से आग पैदा कर दी की तुम जल्दी से उस से आग सुलगा लेते हो
क्या वो जिसने आसमान और ज़मीन को बना दिया उस पर कादिर नही की उन जैसे और बनाए, क्यूँ नही वो बहुत कुछ बनाने वाला माहिर है
अल-कुरान सुरह यासीन (36) आयत 77-81
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Al Quran : He says Who will give life to these bones after they are rotten and have become dust ?
He (Allah) will give life to them Who created them for the first time! And He is the All-Knower of every creation!
He Who produces for you fire out of the green tree, when behold you kindle therewith.
Is not He Who created the heavens and the earth, Able to create the like of them? Yes, indeed! He is the All-Knowing Supreme Creator
✦ Hadith : Anbiya Alaihi salam apni Qabro mein zinda hain aur namaz padhte hain
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✦ Rasool-Allah Sallallahu Alaihi Wasallam ne farmaya Anbiya Alaihi salam apni Qabro mein zinda hain aur namaz padhte hain
Al Silsila As Sahiha, 3141
✦ RasoolAllah Sallallahu Alaihi wasallam ne farmaya jis raat mujhe Mairaj huwa main hazrat moosa par se guzra , Laal lambi ret ke pass dekha to
wo khadey huye apni Qabar mein namaz parh rahey they
Sahih Muslim, Jild 6, 6157
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رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا
انبیاء علیہم السلام اپنی قبروں میں زندہ ہیں اور نماز پڑھتے ہیں
السلسلہ صحیحہ ٣١٤١
رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا
جس رات مجھے میراج ہوا میں حضرت موسیٰ علیہ سلام کے پاس سے گزرا لال لمبی ریت کے پاس تو دیکھا کی وہ اپنی قبر میں کھڑے ہوئے ہیں اور نماز پڑھ رہے ہیں
صحیح مسلم جلد ٦ ، ٦١٥٧
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✦ रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया अम्बिया अलैही सलाम अपनी क़ब्रों में ज़िंदा हैं और नमाज़ पढ़ते हैं
अल सिलसिला अस साहिहा, 3141
✦ रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिस रात मुझे मैराज हुआ मैं हज़रत मूसा अलैहि सलाम पर से गुज़रा , लाल लंबी रेत के पास, देखा तो वो अपनी क़बर में खड़े हुए नमाज़ पढ़ रहे थे
सही मुस्लिम, जिल्द 6, 6157
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✦ RasoolAllah Sallallahu Alaihi wasallam said: The Prophets are alive in their graves and praying
Al Silsila As Sahiha, 3141
✦ RasoolAllah Sallallahu Alaihi wasallam said I happened to pass by Moses on the occasion of the Night journey near the red mound (and found him) saying his prayer in his grave.
Al Quran : ALLAH Subhanhu kisi shakhs ko uski taqat se zyada takleef nahi deta , achche kaam karega to usko uska fayda milega aur bure karega to usko iska nuqsan hoga
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الله سبحانه کسی شخص کو اس کی طاقت سے زیادہ تکلیف نہیں دیتا۔ اچھے کام کرے گا تو اس کو ان کا فائدہ ملے گا برے کرے گا تو اسے ان کا نقصان پہنچے گا
القرآن سورة البقرہ (۲) ٢٨٦
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अल्लाह सुबहानहु किसी शख्स को उसकी ताक़त से ज्यादा तकलीफ नहीं देता अच्छे काम करेगा तो उसको उसका फायदा मिलेगा और बुरे काम करेगा तो उस को उन का नुकसान होगा
सुरह बक़रा , आयत 286
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Allah Subhanhu burdens not a person beyond his scope. He gets reward for that (good) which he has earned, and he is punished for that (evil) which he has earned.
✦ Al Quran : Beshak Allah ki rahmat se wahi log na ummed hote hain jo kafir hain
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✦ Al Quran : Aur Allah ki rahmat se naummed na ho beshak Allah ki rahmat se wahi log na ummed hote hain jo kafir hain
Surah Yusuf (12), 87
ek Admee ne Kaha Ya Rasool-Allah Sallallahu Alaihi Wasallam kabira gunah kya hain to Aap Sallallahu Alaihi Wasallam ne farmaya Allah Subhanahu Ke sath Shirk Karna Allah Subhanahu ki Shafqat se na umeed hona aur Allah Subhanahu ki Rahmat se Mayus hona
Al-Silsila-As-Sahiha 1050
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القرآن : اور الله کی رحمت سے نا امید نہ ہو بے شک الله کی رحمت سے وہی لوگ نا امید ہوتے ہیں جو کافر ہیں
سورة يوسف (١٢) آیت ٨٧
عبداللہ بن عباس رضی اللہ عنہما سے مروی ہے كہ ایك آدمی نے كہا: اے اللہ كے رسول كبائر كیا ہیں؟ آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: اللہ كے ساتھ شرك كرنا اللہ كی شفقت سے نا امید ہونا، اور اللہ كی رحمت سے مایوس ہونا
السلسلہ صحیحہ ۱۰۵۰
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✦ अल कुरान : और अल्लाह की रहमत से ना उम्मीद ना हो बेशक अल्लाह की रहमत से वही लोग ना उम्मीद होते हैं जो काफ़िर हैं
✦ एक आदमी ने कहा या रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम कबीरा गुनाह क्या हैं आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया अल्लाह सुबहानहु के साथ शिर्क करना , अल्लाह सुबहानहु की शफक़त से ना उमीद होना और अल्लाह सुबहानहु की रहमत से मायूस होना
अल-सिलसिला-अस-साहिहा 1050
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✦ Al Quran : Never give up hope of Allah's Mercy. Certainly no one despairs of Allah's Mercy, except the people who disbelieve.
Surah Yusuf (12), 87
✦ A person asked, Ya RasoolAllah Sal-Allahu Alaihi Wasallam ! Which are the great sins? He Sal-Allahu Alaihi Wasallam said, To join others in worship with ALLAH, to despair of the blessing of Allah, to despair of the mercy of Allah.
✦ Hadith : Yahudi Juma ke din par humse bahut hasad karte hain
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✦ Rasool-Allah Sallallahu Alahih Wasallam ne farmaya Yahudi hamare upar Kisi Cheez ka itna hasad nahi karte jitna wo Juma ke din par hasad Karte hai Jabke Allah Subhanahu ne ye din hame diya aur wo is say mehrum rahe wo hamare Qible par bhi hasad Karte ke Allah Subhanahu ne hame ye qibla diya aur wo is say mehrum rahe aur wo imam ke peeche hamare Aameen kehne par bhi hasad Karte hai
Musnad Ahmed 10691 Sahih
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رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا یہودی ہمارے اوپر اور کسی چیز کا اتنا حسد نہیں کرتے جتنا وہ جمعہ کے دن پر حسد کرتے ہیں، جبکہ اللہ نے یہ دن ہمیں دیا اور وہ اس سے محروم رہے، وہ ہمارے قبلہ پر بھی حسد کرتے ہیں کہ اللہ نے ہمیں یہ قبلہ دیا اور وہ اس سے محروم رہے اور وہ امام کے پیچھے ہمارے آمین کہنے پر بھی حسد کرتے ہیں۔
مسند احمد ١٠٦٩١-صحیح
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✦ रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया यहूदी हमारे उपर किसी चीज़ का इतना हसद नही करते जितना वो ज़ूमा के दिन पर हसद करते है जबके अल्लाह सुबहानहु ने ये दिन हमे दिया और वो इस से महरूम रहे वो हमारे क़िबले पर भी हसद करते के अल्लाह सुबहानहु ने हमे ये क़िब्ला दिया और वो इस महरूम रहे और वो इमाम के पीछे हमारे आमीन कहने पर भी हसद करते है
मसनद अहमद -10691 सही
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✦ Rasool-Allah Sallallahu Alahih Wasallam said They will not envy us for anything more than they envy us for Friday which we have been guided to, while they were led astray from it, and for the Qiblah which we were guided to, while they were led astray from it, and for our saying 'Amin' behind the Imam
✦ Hadith : Masjid mein khair ki baat sikhne ke liye jaane ka sawab hajj karne wale ki tarah hai
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✦ RasoolAllah SalAllahu Alaihi Wasallam ne farmaya jo shaksh sirf khair ki baat sikhne ya sikhane ke liye masjid mein jaye to uska sawab us haji ke sawab ki tarah hai jiska hajj mukammal ho gaya ho
Al Mu'jam Al Kabir, Tabarani, 7346-Sahih
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رسول الله صلی علیہ وسلم نے فرمایا جو شخص صرف خیر کی بات سیکھنے کے لئے مسجد میں جاۓ تو اس کا ثواب اس حاجی کے ثواب کی طرح ہے جس کا حج مکمّل ہو گیا ہو
معجم الكبير الطبراني ٧٣٤٦-صحیح
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✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो शख्स सिर्फ खैर की बात सिखने के लिए मस्जिद में जाए तो उसका सवाब उस हाजी के सवाब की तरह है जिसका हज मुकम्मल हो गया हो
अल मुअजम अल कबीर , तबरानी , 7346-सही
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✦ RasoolAllah salalahu alaihi wasallam said Whoever goes to the Masjid just to learn goodness or teach others, then he will have a reward as if he has completed the Hajj pilgrimage.